What is GTT order in Zerodha - Zerodha में GTT ऑर्डर: आपका 24x7 ट्रेडिंग गार्डियन - पूरी जानकारी हिंदी में!
what is GTT order in Zerodha: स्टॉक मार्केट में सफलता अक्सर सही समय पर सही कदम उठाने में छिपी होती है। लेकिन हम सब इंसान हैं, दिनभर स्क्रीन से चिपके रहना हमारे लिए संभव नहीं। क्या हो अगर आप छुट्टी पर हों, मीटिंग में हों, या सो रहे हों और बाजार में आपके लिए बिल्कुल सही मौका आ जाए? यहीं पर Zerodha का GTT ऑर्डर आपका विश्वसनीय सहायक बनकर सामने आता है। इसकी जानकारी हर शेयर बाजार साधक के लिए आवश्यक है। चलिए, आम बोलचाल को हिंदी में जानते हैं कि यह क्या है, कैसे काम करता है, और कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं।
GTT क्या है? सबसे सरल भाषा में
GTT का मतलब है "Good Till Triggered" यानी "जब तक सक्रिय न हो जाए, तब तक वैध"। इसे "ट्रिगर ऑर्डर" भी कहा जाता है। सोचिए ये किसी जासूस की तरह है जो आपकी गैरमौजूदगी में भी बाजार पर नजर रखता है।- आपका काम: आप Zerodha के प्लेटफॉर्म (Kite या Console) पर GTT सेट करते हैं। आप दो महत्वपूर्ण चीजें बताते हैं:
2. वास्तविक ऑर्डर (असली आदेश): जैसे ही ट्रिगर प्राइस हिट होगा, यह जासूस कौन सा ऑर्डर (खरीदने या बेचने का) मार्केट में भेजेगा।
- GTT का काम: बाजार लाइव होने पर, लगातार शेयर की कीमत पर नजर रखना। जैसे ही शेयर की कीमत आपके दिए गए ट्रिगर प्राइस को छूती है, GTT तुरंत आपके पहले से तय किए गए असली ऑर्डर (लिमिट ऑर्डर या मार्केट ऑर्डर) को मार्केट में भेज देता है।
उदाहरण: मान लीजिए आपके पास 100 शेयर XYZ कंपनी के हैं।
- आपकी इच्छा: अगर XYZ का भाव ₹150 तक पहुंच जाए, तो आप उसे तुरंत बेच देना चाहते हैं।
- समस्या: आप दिनभर स्क्रीन नहीं देख सकते। ₹150 का भाव आता है और चला जाता है, आपका मौका हाथ से निकल जाता है।
- GTT समाधान:
2. ट्रिगर प्राइस: ₹150 सेट करते हैं। (जागृत मूल्य)
3. वास्तविक ऑर्डर: ₹150 पर मार्केट ऑर्डर (या फिर ₹149.90 पर लिमिट ऑर्डर) सेट करते हैं।
4. जादू: जब भी XYZ का भाव ट्रेडिंग घंटों के दौरान ₹150 को छूता है, Zerodha का सिस्टम अपने आप आपके लिए 100 शेयर बेचने का मार्केट ऑर्डर (या लिमिट ऑर्डर) प्लेस कर देता है। आप चाहे सो रहे हों या काम में व्यस्त हों!
GTT कैसे काम करता है? स्टेप-बाय-स्टेप (बच्चे को भी समझ आए)
1. आप सेट करते हैं (Setup): आप Zerodha के Kite एप या वेब पर जाते हैं। "Orders" सेक्शन में जाकर "GTT" चुनते हैं। फिर आप बताते हैं:- कौन सा शेयर? (जैसे: XYZ)
- खरीदना है या बेचना है? (Buy/Sell)
- कितने शेयर? (जैसे: 100)
- ट्रिगर प्राइस क्या होगा? (जैसे: ₹150 - वह कीमत जहां एक्शन शुरू होगा)
- असली ऑर्डर क्या होगा? (जैसे कि: या तो तत्काल मार्केट प्राइस पर बेचें, या ₹149.90 के स्तर पर लिमिट ऑर्डर सेट करें)।
- GTT कब तक रहेगा? (आमतौर पर 1 साल तक, जब तक ट्रिगर न हो या आप कैंसल न करें)।
3. ट्रिगर होता है (Activation): जैसे ही XYZ का भाव बाजार में (ट्रेडिंग घंटों के दौरान) ₹150 के बराबर या उससे ऊपर जाता है (बेचने के लिए) या बराबर/नीचे आता है (खरीदने के लिए), GTT जाग जाता है! यह वह पल होता है जिसका आप इंतजार कर रहे थे।
4. असली ऑर्डर भेजा जाता है (Order Placement): GTT तुरंत आपके द्वारा पहले से तय किए गए असली ऑर्डर (मार्केट ऑर्डर या लिमिट ऑर्डर) को Zerodha के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज (BSE/NSE) में भेज देता है। यह ऑर्डर बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे आपने मैन्युअली डाला होता।
5. ऑर्डर का निष्पादन (Order Execution): एक बार ऑर्डर एक्सचेंज में पहुंच जाने के बाद, यह सामान्य नियमों के अनुसार एक्जीक्यूट होगा:
1. सिंगल लेग GTT (Single Leg GTT): - मार्केट ऑर्डर: तुरंत मौजूदा बेस्ट प्राइस पर भरने की कोशिश होगी।
- लिमिट ऑर्डर: सिर्फ तभी भरेगा जब कोई खरीदार/बेचने वाला आपकी तय लिमिट प्राइस पर मिल जाएगा।
GTT के मुख्य प्रकार (Zerodha में उपलब्ध)
- सबसे आम और सरल। ऊपर दिया गया XYZ वाला उदाहरण इसी का है।
- इसमें सिर्फ एक ट्रिगर प्राइस और एक वास्तविक ऑर्डर होता है।
- उपयोग: सिंगल टारगेट प्राइस पर खरीदने या बेचने के लिए (जैसे स्टॉप लॉस, टेक प्रॉफिट, या एंट्री पॉइंट)।
1. थोड़ा एडवांस्ड, लेकिन बहुत शक्तिशाली। इसमें दो ट्रिगर प्राइस और दो वास्तविक ऑर्डर एक साथ सेट होते हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे के विपरीत होते हैं।
2. मैजिक: जैसे ही एक ट्रिगर एक्टिव होता है और उसका ऑर्डर प्लेस होता है, दूसरा ऑर्डर अपने आप कैंसल हो जाता है!
3. उपयोग:
1. स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट एक साथ: मान लीजिए आपने XYZ को ₹100 में खरीदा है। आप चाहते हैं कि अगर भाव ₹110 जाए तो प्रॉफिट बुक कर लें (टेक प्रॉफिट), लेकिन अगर भाव गिरकर ₹95 आए तो नुकसान काट लें (स्टॉप लॉस)। OCO GTT में:
3. उपयोग:
1. स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट एक साथ: मान लीजिए आपने XYZ को ₹100 में खरीदा है। आप चाहते हैं कि अगर भाव ₹110 जाए तो प्रॉफिट बुक कर लें (टेक प्रॉफिट), लेकिन अगर भाव गिरकर ₹95 आए तो नुकसान काट लें (स्टॉप लॉस)। OCO GTT में:
- ट्रिगर 1: ₹110 (वास्तविक ऑर्डर: बेचने का मार्केट/लिमिट)
- ट्रिगर 2: ₹95 (वास्तविक ऑर्डर: बेचने का मार्केट/लिमिट)
2. जैसे ही भाव ₹110 को छूता है, प्रॉफिट वाला ऑर्डर प्लेस होता है और स्टॉप लॉस वाला ऑर्डर कैंसल हो जाता है (और इसका उलटा)। इस तरह आप एक ही समय पर दोनों सुरक्षा कवच लगा सकते हैं।
GTT के फायदे: आपके ट्रेडिंग जीवन को क्यों आसान बनाता है?
1. 24x7 निगरानी (24/7 Watchman): GTT आपकी गैरमौजूदगी में भी बाजार की निगरानी करता है। छुट्टी, नींद, व्यस्तता – कोई बाधा नहीं।2. अनुशासन बनाए रखना (Discipline Enforcer): यह भावनाओं (लालच या डर) से बचाता है। आप पहले से एक प्लान बनाकर GTT लगा देते हैं, और सिस्टम उसे बिना किसी भावना के अमल में लाता है।
3. समय बचाए (Time Saver): बार-बार स्क्रीन चेक करने की जरूरत नहीं। आप अपनी ऊर्जा रिसर्च या अन्य कामों में लगा सकते हैं।
4. मौके न चूकें (Never Miss an Opportunity): चाहे वो अचानक उछाल से प्रॉफिट बुक करना हो या गिरावट में स्टॉप लॉस हिट होकर बड़े नुकसान से बचना हो, GTT मौके को हाथ से जाने नहीं देता।
5. जोखिम प्रबंधन (Risk Management): स्टॉप लॉस को GTT के जरिए ऑटोमेट करना जोखिम नियंत्रण का सबसे प्रभावी तरीका है। एक बार सेट करने के बाद आप भूल सकते हैं, सिस्टम नहीं भूलता।
6. मल्टीटास्किंग (Multitasking): एक साथ कई शेयरों के लिए अलग-अलग GTT सेट कर सकते हैं, जो मैन्युअली करना नामुमकिन होगा।
GTT का उपयोग कहाँ करें? (रियल-लाइफ स्ट्रेटेजीज)
1. स्टॉप लॉस (Stop Loss - नुकसान रोकना): यह GTT का सबसे लोकप्रिय उपयोग है।- उदाहरण: आपने XYZ ₹100 में खरीदा। आप ₹95 से नीचे नुकसान नहीं उठाना चाहते। आप एक GTT (Sell) सेट करते हैं:
- ट्रिगर प्राइस: ₹95
- वास्तविक ऑर्डर: मार्केट ऑर्डर (या ₹94.90 पर लिमिट ऑर्डर)
- अगर भाव गिरकर ₹95 आता है, आपके शेयर अपने आप बिक जाएंगे, बड़े नुकसान से बच जाएंगे।
- उदाहरण: XYZ आपने ₹100 में खरीदा। आप ₹120 पर मुनाफा वसूलना चाहते हैं।
- GTT (शेयर बेचने हेतु) सेटअप करें: ट्रिगर प्वाइंट ₹120, अंतिम आर्डर प्रकार - मार्केट अथवा लिमिट।भाव ₹120 पहुंचते ही, बिकवाली हो जाएगी।
1.उदाहरण: आप ABC शेयर ₹500 पर खरीदना चाहते हैं।
- GTT (Buy) सेट करें: ट्रिगर = ₹500, वास्तविक ऑर्डर = मार्केट ऑर्डर (या ₹500.50 पर लिमिट ऑर्डर)।
5. निवेश सुरक्षा रणनीति (Breakeven SL): जब स्टॉक आपके खरीद मूल्य से पर्याप्त ऊपर पहुंच जाए, तो स्टॉप लॉस को खरीद स्तर के समीप ले आइए - इससे प्राप्त लाभ सुनिश्चित होगा, लेकिन नुकसान की कोई गुंजाइश न रहे।
Zerodha में GTT कैसे सेट करें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
1. लॉग इन करें: Zerodha Kite वेब (kite.zerodha.com) या Kite मोबाइल ऐप खोलें और लॉग इन करें।2. आर्डर सेक्शन खोलिये: पसंद के शेयर (स्क्रिप्ट) को सिलेक्ट कीजिये। उसके ट्रेड विंडो पर क्लिक करें जहाँ सामान्य बाय-सेल ऑर्डर प्लेस किये जाते हैं।
3. ऑर्डर टाइप चुनें: "Order Type" ड्रॉपडाउन मेनू में जाएं और "GTT" या "GTT Order" चुनें।
4. GTT डिटेल्स भरें:
- ट्रिगर प्राइस (Trigger Price): वह कीमत दर्ज करें जहां आपका ऑर्डर सक्रिय होगा (जैसे ₹150)।
- प्राइस (Price): यहां आप अपना वास्तविक ऑर्डर सेट करेंगे।
- मार्केट ऑर्डर के लिए: "MKT" चुनें। ऑर्डर उस समय के मार्केट प्राइस पर भरेगा।
- लिमिट ऑर्डर के लिए: वह सटीक कीमत दर्ज करें जिस पर आप ऑर्डर भरवाना चाहते हैं (जैसे ₹149.90)। यह कीमत आपके ट्रिगर प्राइस से बेहतर (खरीदने के लिए कम, बेचने के लिए ज्यादा) होनी चाहिए।
- क्वांटिटी (Quantity): शेयरों की संख्या दर्ज करें।
- वैधता (Validity): GTT कितने दिनों तक एक्टिव रहेगा? आमतौर पर अधिकतम 1 साल (365 दिन) तक चुन सकते हैं। इसके बाद यह अपने आप एक्सपायर हो जाएगा।
7. कन्फर्मेशन: आपके "Orders" सेक्शन के अंदर "GTT" टैब में आपका सेट GTT दिखाई देगा। आप यहां से उसे एडिट या कैंसल भी कर सकते हैं।
GTT का उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें (जरूरी सावधानियां)
1. ट्रिगर गारंटी नहीं (Trigger Not Guaranteed): याद रखें, GTT सिर्फ ऑर्डर प्लेस करता है, उसे भरने की गारंटी नहीं देता। अगर ट्रिगर प्राइस हिट होने के बाद मार्केट बहुत तेजी से चलती है (जैसे गैप डाउन या गैप अप), तो आपका वास्तविक ऑर्डर (खासकर लिमिट ऑर्डर) नहीं भर सकता। मार्केट ऑर्डर जरूर भरेगा, लेकिन उसकी कीमत आपकी अपेक्षा से बहुत खराब हो सकती है।2. बाजार खुले रहने तक सीमित (Active Only in Trading Hours): GTT सुबह 9:15 से दिन के 3:30 बजे तक के नियमित सत्र में ही कार्य करता है। प्री-मार्केट या आफ्टर-मार्केट अवधि में यह निष्क्रिय रहता है। ट्रिगर प्राइस हिट होने के लिए कीमत का ट्रेडिंग घंटों के दौरान उस लेवल पर ट्रेड होना जरूरी है।
3. ट्रिगर प्राइस सेलेक्शन (Choosing Trigger Price): ट्रिगर प्राइस बहुत टाइट (जैसे मौजूदा कीमत से ठीक ऊपर/नीचे) न रखें, नहीं तो छोटी-मोटी उतार-चढ़ाव में भी ऑर्डर ट्रिगर हो सकता है। थोड़ा बफर रखें।
4. वैधता की जांच (Check Validity): GTT एक्सपायर हो सकता है। समय-समय पर चेक करते रहें कि वह एक्टिव है या नहीं।
5. पर्याप्त फंड/होल्डिंग्स (Sufficient Funds/Holdings): खरीदने के GTT के लिए पर्याप्त फंड या बेचने के GTT के लिए डीमैट में पर्याप्त शेयर होने चाहिए। नहीं तो ऑर्डर फेल हो जाएगा।
6. OCO में विरोधी ऑर्डर (Opposite Orders in OCO): OCO GTT में दोनों लेग्स एक-दूसरे के विपरीत होने चाहिए (एक बाय, एक सेल), तभी "एक कैंसल दूसरे को" वाला नियम काम करेगा।
GTT बनाम सामान्य ऑर्डर: अंतर समझें
फीचर | GTT ऑर्डर (Good Till Triggered) | सामान्य ऑर्डर (लिमिट/मार्केट) |
---|---|---|
सक्रियता | ट्रिगर प्राइस हिट होने पर ही सक्रिय होता है | तुरंत एक्सचेंज में भेजा जाता है |
वैधता | 1 साल तक (या तय तारीख तक) | उसी दिन के लिए (जब तक भर न जाए या कैंसल न करें) |
मूल उद्देश्य | विशिष्ट मूल्य बिंदु पर स्वतः ऑर्डर भेजना | शीघ्र खरीदारी/बिकवाली |
आपकी उपस्थिति | जरूरी नहीं, 24x7 निगरानी | ऑर्डर प्लेस करने के समय जरूरी |
स्टॉप लॉस | ऑटोमैट करने का सबसे अच्छा तरीका | मैन्युअली सेट करना पड़ता है, जोखिम भरा |
उदाहरण | जब XYZ ₹150 पर पहुंचे, तो मार्केट ऑर्डर से बेच दो | XYZ को अभी ₹145 के लिमिट प्राइस पर खरीदो |
क्या GTT मुफ्त है?
हाँ! Zerodha में GTT ऑर्डर सेट करना और उसका रखरखाव बिल्कुल मुफ्त है। आप पर केवल वही ब्रोकरेज और एक्सचेंज चार्ज लगेंगे जो तब लगते हैं जब आपका वास्तविक ऑर्डर (जो GTT ट्रिगर होने पर प्लेस होता है) भरता है। वह चार्ज उस ऑर्डर टाइप (इक्विटी डिलीवरी, इंट्राडे, F&O आदि) पर निर्भर करेगा।निष्कर्ष: (what is GTT order in Zerodha)
Zerodha का GTT ऑर्डर सिर्फ एक फीचर नहीं, बल्कि एक स्मार्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। यह आपकी कमजोरियों (समय की कमी, भावनात्मक निर्णय) को सिस्टम की ताकत (निरंतर निगरानी, अनुशासित निष्पादन) से कवर करता है। चाहे आप अनुभवी ट्रेडर हों या नया निवेशक, GTT का सही उपयोग आपके जोखिम को कम करेगा, मुनाफे को सुरक्षित करेगा और आपको बाजार के अचानक मोड़ों से बचाएगा। सिंगल लेग GTT से शुरुआत करें, फिर OCO की शक्ति को समझें। इसे आजमाइए और अपने ट्रेडिंग को एक नए लेवल पर ले जाइए!FAQ
1. GTT की सुविधा प्री-मार्केट और आफ्टर-मार्केट सत्रों में उपलब्ध होती है क्या?नहीं। GTT सिर्फ सामान्य ट्रेडिंग घंटों (सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक) के दौरान ही सक्रिय रहता है और ट्रिगर हो सकता है। प्री-मार्केट और आफ्टर मार्केट ऑर्डरिंग में यह काम नहीं करता।
2. अगर ट्रिगर प्राइस हिट हो जाए, लेकिन मेरा ऑर्डर न भरे तो?
यह संभव है, खासकर अगर आपने लिमिट ऑर्डर का उपयोग किया है। ट्रिगर होने के बाद प्लेस किया गया लिमिट ऑर्डर तभी भरेगा जब कोई दूसरा ट्रेडर आपकी तय लिमिट प्राइस पर खरीदने/बेचने को तैयार हो। अगर मार्केट बहुत तेजी से चलती है, तो आपकी लिमिट प्राइस मार्केट प्राइस से बहुत दूर हो सकती है और ऑर्डर नहीं भर पाएगा। मार्केट ऑर्डर जरूर भरेगा, लेकिन एक्जीक्यूशन प्राइस अनिश्चित होगी।
यह संभव है, खासकर अगर आपने लिमिट ऑर्डर का उपयोग किया है। ट्रिगर होने के बाद प्लेस किया गया लिमिट ऑर्डर तभी भरेगा जब कोई दूसरा ट्रेडर आपकी तय लिमिट प्राइस पर खरीदने/बेचने को तैयार हो। अगर मार्केट बहुत तेजी से चलती है, तो आपकी लिमिट प्राइस मार्केट प्राइस से बहुत दूर हो सकती है और ऑर्डर नहीं भर पाएगा। मार्केट ऑर्डर जरूर भरेगा, लेकिन एक्जीक्यूशन प्राइस अनिश्चित होगी।
3. क्या मैं एक ही शेयर के लिए एक से ज्यादा GTT सेट कर सकता हूँ?
हाँ, आप एक ही शेयर के लिए कई अलग-अलग GTT सेट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अलग-अलग टेक प्रॉफिट लेवल या स्टॉप लॉस लेवल के लिए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपके पास बेचने के ऑर्डर के लिए पर्याप्त शेयर हों या खरीदने के लिए पर्याप्त फंड।
हाँ, आप एक ही शेयर के लिए कई अलग-अलग GTT सेट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अलग-अलग टेक प्रॉफिट लेवल या स्टॉप लॉस लेवल के लिए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपके पास बेचने के ऑर्डर के लिए पर्याप्त शेयर हों या खरीदने के लिए पर्याप्त फंड।
4. GTT कैंसल कैसे करें?
बहुत आसान! Zerodha Kite में 'ऑर्डर्स' अनुभाग देखें। GTT टैब पर जाएँ। यहाँ आपके चालू GTT ऑर्डर्स की सूची मिलेगी। अभीष्ट(desired/ unwanted) GTT के सामने 'कैंसल' ऑप्शन पर क्लिक कर कन्फर्मेशन दें।
बहुत आसान! Zerodha Kite में 'ऑर्डर्स' अनुभाग देखें। GTT टैब पर जाएँ। यहाँ आपके चालू GTT ऑर्डर्स की सूची मिलेगी। अभीष्ट(desired/ unwanted) GTT के सामने 'कैंसल' ऑप्शन पर क्लिक कर कन्फर्मेशन दें।
5. क्या IPO शेयरों के लिए GTT इस्तेमाल कर सकते हैं?
हाँ, बिल्कुल! एक बार IPO के शेयर आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाने के बाद (लिस्टिंग के बाद), आप उन पर भी सामान्य शेयरों की तरह GTT (खासकर स्टॉप लॉस या टेक प्रॉफिट) सेट कर सकते हैं।
हाँ, बिल्कुल! एक बार IPO के शेयर आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाने के बाद (लिस्टिंग के बाद), आप उन पर भी सामान्य शेयरों की तरह GTT (खासकर स्टॉप लॉस या टेक प्रॉफिट) सेट कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर:
यह ब्लॉग सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है,
निवेश सलाह नहीं। शेयर
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पर अमल करने से
पहले अपने वित्तीय सलाहकार
से सलाह लें। Zerodha से
संबद्ध नहीं - GTT सुविधा के नियम/शुल्क
बदल सकते हैं। अपने रिसर्च के आधार पर निर्णय लें।
धन्यवाद!